tag:blogger.com,1999:blog-5213820224673627834.post2172412827726029456..comments2023-10-08T21:57:54.252+05:30Comments on प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ: लो क सं घ र्ष !: सरदार पटेल भी भाजपा के प्रतीक नहीं बन पायेंगेप्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघhttp://www.blogger.com/profile/18399101354438844595noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5213820224673627834.post-82579742303374813932013-11-27T13:41:33.810+05:302013-11-27T13:41:33.810+05:30और स्वामी विवेकानंद के एक वाक्य को आपने चालाकी से ...और स्वामी विवेकानंद के एक वाक्य को आपने चालाकी से अप्रासंगिक तरीके से प्रस्तुत किया है. जिन्होंने स्वामी विवेकानंद की सम्पूर्ण रचना - पहला खंड पढा है वो जानते हैं कि स्वामीजी ने यह बात ईसाई मिशनरियों द्वारा भारतवर्ष में अपने धर्मप्रचार के विरोध में कही थी. स्वामीजी ने उनसे पूछा कि जब भारत में सूखा या अकाल पड़ता है या महामारी फैलती है तो ये ईसाई मिशनरी कहाँ छुप जाते हैं? और इस परिपेक्ष में उन्होंने यह बात कही कि भारत को एक और धर्म की नहीं बल्कि रोटी की जरुरत है. अब इस बात को आपने हिन्दू राष्ट्रवाद के विरोध में प्रयोग किया जो निंदनीय है. स्वामी विवेकानंद हिन्दू राष्ट्रवाद के अग्रणी और प्रणयेता भी कहे जाते हैं.Rahulhttps://www.blogger.com/profile/06605779610631940824noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5213820224673627834.post-12055240110067637342013-11-24T19:47:44.067+05:302013-11-24T19:47:44.067+05:30यह रचना पूर्वाग्रह से ग्रस्त है. ये कहना कि रास्ट्...यह रचना पूर्वाग्रह से ग्रस्त है. ये कहना कि रास्ट्रीय सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी हमेशा प्रतीक की तलाश में रहते हैं गलत होगा. कांग्रेस पार्टी ने नेहरू वंश के अलावा देश के बाकि सभी वीर सपूतों को भुलाने की चेष्टा की और जब गुजरात के नरेंद्र मोदी ने पटेल को मुद्दा बनाया तो कांग्रेसी उनपर अनर्गल आरोप लगाने में व्यस्त हैं. सच तो यह है कि कांग्रेस के सदस्यों ने पटेल को प्रधान मंत्री के रूप में चयन किया था पर गांधीजी ने व्यक्तिगत कारणों से नेहरू का चयन किया। अब इतिहास नेहरू के खानदान से हिसाब मांग रही है.Rahulhttps://www.blogger.com/profile/06605779610631940824noreply@blogger.com