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श्रद्धांजलि उस वीर को जिसको आज के दिन शहीद हुए ८० वर्ष हो चुके हैं।
उनके कर्ज को तो शायद पूरा देश आज भी नहीं चुकाने लायक हुआ है लेकिन उनके सपनों के भारत कि तस्वीर जरूर हमने बिगाड़ दी है। उस वीर चंद्रशेखर आज़ाद को शत शत नमन।
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12 comments:
Vinat shraddhanjaliyaan
आजाद जैसे वीरों को मैं अपने इन शब्दों में शत-शत बार नमन करती हूँ -
''आज उस शख्स का महफ़िल में बड़ा जिक्र हुआ ;
लुटा दी जिन्दगी जिसने वतन के नाम पर .''
सिवाय नमन करने के हम और कर भी क्या सकते हैं…………उनके बलिदान का क्या सिला दे रहा है ये देश सभी देख रहे हैं।
भारत देश के इस वीर को शत शत नमन्।
शत शत नमन।
सही कहा वंदना जी ने।
आजाद जैसे वीर को नमन.
aese vir ko the dil se shrddhanjli lekin in dinon aese vir desh me hen khaan dhundhte dhundhte thk gye hen hr koi chaahta he aese vir dusron ke ghron men peda ho or khud ke laal surkshit rhen bs is moqaa prsti ne hi to is desh ko ................ . akhtar khan akela kota rajsthan
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले |
वतन पे लुटने वालों का यही बाकि निशां होगा |
वीर चंद्रशेखर आज़ाद को शत शत नमन।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (28-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
भारत देश के वीर चंद्रशेखर आज़ाद को श्रद्धांजलि औरआजाद जैसे वीर को शत शत नमन।
अपनी आयु के 25 वर्ष में देश पर शहीद हो जाने वाले चंद्रशेखर आज़ाद ने आत्मबलिदान का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। अमर शहीद को हार्दिक श्रद्धांजलि और शत शत नमन!
". . . आज़द पूजा की निर्जीव वस्तु नहीं वरन निर्दिष्ट मार्ग पर मज़बूत क़दमों से चलने वाला पथिक है; एक ऐसा सिपाही है जो मौत को सामने खड़ा देख कर भी मुसकरा सकता है, उसे ललकार सकता है। और सबसे बड़ी बात तो यह कि वह एक मनुष्य है जिसमें बड़ा होकर भी बड़प्पन का अहंकार या अभिमान छू तक नहीं गया।" (P-55) (शिव वर्मा की किताब "स्मृतियाँ" से)
People who are debtor of his dreams have now forgotten the last day of his fight against slavery.
Remember him! His dreams! And, again raise the voice of 'equality', 'freedom' and 'exploitation free society'!
अमर शहीद को हार्दिक श्रद्धांजलि और शत शत नमन!
बहुत दिनों के बाद आपकी पोस्ट नजर आई ,अच्छी लगी....आभार !
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