लीबिया में अमेरिकी गुंडागर्दी
बुधवार, 23 मार्च 2011
विश्व के तेल के देशों पर अपना कब्जा जमाने की मुहीम में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान जेसे परमाणु शक्ति देशों को बेबस और लाचार करके अपना विश्वव्यापी अभियान तेज़ कर दिया हे दूसरों के घरों में झाँक कर वहां बहाने ढूंढ़ कर हमले करना और डरा धमका कर कब्जे करना उसने अपना व्यवसाय बना लिया हे लीबिया में भी यही कार्यवाही चल रही हे .
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सब जानते हें पेंटागन हमले के बाद अमेरिका में मानवता का क्या हाल हुआ था उस वक्त वहां जनता से लीबिया से भी खराब सुलूक किये जाने का वातावरण था उस वातावरण को शाहरुख खान ने अपनी फिल्म माई नेम इज खान में भंडाफोड़ की तरह खुलासा किया हे उस वक्त नाटो सेनायें कहाँ गयी थी मानवता और विश्व शान्ति कहाँ गयी थी अफगानिस्तान,कुवेत,इराक और फिर पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बम मारी सेकड़ों निर्दोष लोगों की रोज़ मोतें क्या नाटो सेना या संयुक्त राष्ट्र संघ को नहीं दिखी कहते हें के जहां संघ जुड़ जाता हे वहां हटधर्मिता और सो कोल्ड राष्ट्रीयता,मानवता और इमानदारी का जन्म होता हे और फिर ज़ुल्म का दोर शुरू होता हे संयुक्त राष्ट्र संघ भी ऐसा ही कर रहा हे ब्रिटेन ,फ्रांस की गुडागर्दी अपनी जगह अलग से चल रही हे विश्व खामोश बेठा हे भारत और अमेरिका डरपोक और कायर बन कर खामोश हें चीन और रूस बहुत ज़्यादा मुकाबला करने की स्थिति में नहीं हे .
आज हमारे देश में हालत जिस तरह के चल रहे हें जेसे सवाई माधोपुर में थानेदार को जिंदा जलाया , कहीं दंगा हुआ गोलीबारी की और कर्फ्यू लगाया तो अमेरिका आएगा ब्रिटेन और फ्रांस आयेगा और कहेगा मनमोहन गद्दी छोडो जाओ यह जनता पर हमले हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और फिर हमले होंगे जनता मारेगी इसलियें दोस्तों अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा हे हमारे भारत देश के नेताओं से कहो हमारे भारत देश के परमाणु बम कंट्रोलर से कहो सच को सच और गलत को गलत कहना सीखो न डरो ना डराओ अगर कहीं विश्व स्तर पर मानवता का हनन हो रहा हे तो वहां बोलना सीखो लेकिन विक्लिंक्स के खुलासे के हिसाब से तो अमेरिका का भारत तो नहीं लेकिन भारत के नेता उसके पूरी तरह से गुलाम हो गए हें ...................... . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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