आभासी दुनिया के मित्रों होली मुबारक हो !
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
मित्रों होली मुबारक हो यूँ आसानी से एक दुसरे से इतनी दूर रहकर भी कह आना सम्भव हो सकेगा येह हमें आज से ३० साल पहले कल्पना भी नहीं की थी लेकिन आज होली के इन रंगों को हम और आप इस तरह से मिलजुलकर बाँट रहे हें और इसके लियें सभी को मुबारकबाद .
इक्कीसवीं सदी के इंटरनेट भारत का सपना देखने वाले जब एक हवाई जहाज़ के पायलेट राजिव गाँधी ने इसकी घोषणा की इसकी प्रस्तावित योजनायें तय्यार की तो विपक्षी लोगों सहित कोंग्रेस के कुछ पुराने ख्यालात के नेताओं ने उनका खूब जम कर मजाक उढ़ाया, राजीव गांधी हवाई जहाज़ के सेट अप को समझते थे वोह इलेक्ट्रोनिक तकनीक को जानते थे इसलियें उन्होंने विरोधियों की प्रवाह नहीं की और सेम पित्रोसा को अपना सलाहकार बनाया उस वक्त सेम पित्रोसा को भी सभी विपक्षी लोगों ने कोसा और विरोध किया खेर पहले सेटेलाईट, फिर टी वी, फिर डी डी टू , फिर फोन फिर मोबाइल और फिर इंटरनेट की दुनिया चलती गयी चलती गये इंटरनेट की इस दुनिया में आज हमारा देश भी आगे बढ़ रहा हे लेकिन गूगल को धन्यवाद दें जो उसने साहित्य्य्कारों पत्रकारों को अपनी सूचनाएं रचनाएँ और जानकारियाँ आदान प्रदान करने के लियें ब्लॉग के रूप में मुफ्त में जगह दी. कहते हें मुफ्त में अगर कुछ मिल जाए तो उसकी कद्र नहीं होती खेर इस जगह की वजह से इंटरनेट की दुनिया बनी साइबर कानून बना केफे खुले और अब घर घर में लेब्तोप या कम्प्यूटर जरूरत बन गया हे , फेसबुक की दोस्ती के आज चर्चे हें ऑरकुट के चर्चे आम हे और इंटरनेट मित्रता पर कई प्रेम कई शादियाँ रोज़ होना आम बात हें .
लेकिन दोस्तों कोई भी आविष्कार अच्छों के लियें अच्छा और बुरों के लियें बुरा होता हे अच्छे किसी भी आविष्कार का जनहित में इस्तेमाल करते हें तो बुरे इस अविष्कार से तबाही और नफरत फेलाना चाहते हें आज हमारे देश में ब्लोगिंग की दुनिया में भी कुछ गिनती के लोग हे जो बेबाकी से बुरे काम को अंजाम दे रहे हें वोह नफरत और गालियाँ बाँट रहे हें लेकिन यह सभी लोग अपनी हर कोशिश के बाद भी सदमे में इसलियें हें के ब्लोगर्स ने इनकी कोशिश को नकार दिया हे आज नफरत फेलाने वालों की कोशिशें डस्टबीन पढ़ी हें और इसके लियें सभी भाई और बहने बधाई की पात्र हें ब्लोगिंग की दुनिया में नयी दोस्ती नई जानकारी नया प्यार नया दुलार भाईचारा और सद्भावना बढ़ा रहा हे आज ब्लोगर्स जाती धर्म उंच नीच भेदभाव भुला कर एक दुसरे की मदद कर रहे हें बहनों और माताओं का सम्मान कर रहे हें कुल मिलाकर ब्लोगिंग की इस दुनिया ने भी विज्ञानं के एक चमत्कार को साक्षात् किया हे . ब्लोगिंग को संचारित करने के लियें एक जुट करने के लियें ब्लॉग वाणी एग्रीगेटर चला लेकिन उसकी गंदगी सब जानते हें ब्लोग्वानी को कई लोगों ने सुधारने की कोशिश की लेकिन गुट बाज़ी जातिवादी धर्मान्धता कट्टरता और नफरत के भाव फेलाने वाले कुछ लोगों ने इस ब्लोग्वानी को ब्लोक कर दी और अब यह एक इतिहास बन गयी हे इसके बाद चिट्ठा जगत वहां भी अपना प्राय भेदभाव चला और वोह भी बंद कर दिया गया अब हमारी वाणी यानि हमारी वाणी पर भी कुछ गिनती के लोग भारी पढना चाह रहे हें कुछ लोग हे जो हमारी वाणी की बुनियाद से जुड़े लोगों को दरकिनार कर रहे हें लेकिन क्या इससे हमारी वाणी सांस ले सकेगी कोई भी लेखन जिसके खिलाफ हम और आप बात चीत करके समाधान कर सकते हें उस लेखन को उस हमारिवानी को आप हमारी की जगह मेरी या तेरी बना दें तो फिर काहे की हमारी वाणी अब दोस्तों अगर इस वाणी को जो सिर्फ और सिर्फ हमारी हे हम लोगों ने प्यार और सद्भाव अपनेपन की खाद से नहीं सींचा तो वोह दिन दूर नहीं के हम ब्लोगिंग एग्रीगेटर्स को ढूंढते रह जायेंगे नये एग्रीगेटर होंगे कई आयेंगे कई जायेंगे लेकिन वहां भी आप होंगे हम होंगे फिर जब वहां भी हम होंगे तो यहाँ जो आज हे यहाँ भी हम क्यूँ नहीं रहे और इस दुनिया को सजायें सवारें इसलियें दोस्तों ब्लोगिंग की इस पहली होली को खुबसूरत रंगों से भर दो रंग बिरंगी कर इसे इन्द्रधनुष जेसी खुबसूरत बना दो और ब्लोगिंग की इस नफरत को गुरुर को तकब्बुर को होली के साथ दहन कर दो और फिर कह दो ब्लोगर्स भाइयों ब्लोगर्स बहनों होली मुबारक हो होली मुबारक हो हे न सही बात तो फिर कर लो अप भी प्यार की बात ...........
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
इसमें कोई शक नहीं कि आपने सही लिखा है और आपके विचार अच्छे हैं पर यदि आपको इन एग्रीगेटरों से इतनी समस्या है तो आप अपने ब्लॉग को इसमें सम्मिलित कर के क्यूँ इनका मान बढ़ाते हैं?
पाठकों पर अत्याचार ना करें ब्लोगर
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