खेल खेलें प्यार से
मंगलवार, 29 मार्च 2011
आज सारे देश में एक ही बातचीत का विषय रह गया है और सभी जानते हैं वह है "भारत पाकिस्तान का मोहाली सेमी फाईनल "और यह मैच आज फाईनल से भी ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि चंद ऐसे लोग जो इसे आपसी वैर भाव का मुद्दा बना देते हैं वे इस पर हावी हैं.ये हमारे लिए गर्व की बात है और हम यही कहेंगे की हम गौरवशाली हैं जो भारत पाकिस्तान आज इस खेल में इतना ऊँचा मुकाम रखती हैं.हम में से कोई भी जीते फाईनल में दोनों भाइयों में से एक अवश्य पहुंचेगा और अगर ईश्वर की मर्ज़ी हुई तो विश्व कप भी इसी घर में आएगा.आज भले ही इस घर में दीवार खड़ी है किन्तु दिल अभी भी हमारे एक हैं और हम आपसी एकता को बाधा कर ही दम लेंगे.दोनों देशो के खिलाडी खेलेंगे अपने वतन के लिए भला इसमें आपसी वैर भाव के लिए कहाँ स्थान रह जाता है ?कोई नहीं चाहता की कोई भी अपने मुल्क से गद्दारी करे और इसलिए जब इस खेल में दोनों देशो के खिलाडी भिड़ेंगे तो पूरी ईमानदारी से खेलेंगे और यही प्रशंसा होगी खिलाडियों की और जिस किसी के खिलाडी भी अपने देश के लिए खेलते हैं वे जीतें या हारें बधाई के हकदार होते हैं क्योंकि सच्चा योद्धा कभी नहीं हारता और न ही उसे हर जीत में बाँटना चाहिए.शिखा कौशिक ने भी ऐसे ही खिलाडियों के लिए कहा है-
"वो खिलाडी किसी मैदां में हारता ही नहीं,
जो खेलता है हमेशा अपने वतन के लिए."
आज देश में कहीं डर है तो कहीं जोश ऐसे में हम सभी का कर्त्तव्य बनता है की इन छोटी छोटी सी बातों में न उलझे और ऐसे कामों की और ध्यान दें जिससे हम आपसी प्यार को बढ़ा सकें और आपस के वैर भाव मिटा सकें.सीताराम शर्मा के शब्दों में-
"आ मिटा दें वह स्याही ,
जो दिलो पे आ गयी है.
मैं तुझे गले लगाऊं,
तू मुझे गले लगा ले.
मेंरे दोस्त दोस्ती की वह
करे मिसाल कायम.
तेरी ईद मैं मनाऊँ,
मेरी होली तू मना ले.
शालिनी कौशिक http://shalinikaushik2.blogspot.com/
2 comments:
ऐसे भाई से तो भाई ना हो तो बेहतर है !!!
जितनी गाली दो इनको कम है आस्तीन के सांप हैं ये|
यह मैच नहीं जंग है और यह ऐसा ही रहेगा, और जीत हमारी ही होगी|
सन्देश अच्छा है पर किसी का दिल बड़ा नहीं है ...अब कल का इंतज़ार है ..
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