अरे भई साधो......: गांधी के असली हत्यारे
सोमवार, 6 जून 2011
रामलीला मैदान की घटना ने यह साबित कर दिया कि विदेशी बैंकों में काला धन रखने वाले भारतीय खाताधारी काफी ताक़तवर हैं. वे अब जन आंदोलनों की धार को को बर्दाश्त करने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं. उनकी सत्ता पर मज़बूत पकड़ है और वे दमनचक्र की किसी सीमा तक जा सकते हैं. ठीक उसी तरह जैसे पूर्व जमींदारों ने जमींदारी उन्मूलन कानून बनने के बाद भी भूमि सुधार कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने के सरकारी प्रयासों को अभी तक सफल नहीं होने दिया.
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