अरे भई साधो......: खजाने की चाबी लुटेरों को...नहीं...बिल्कुल नहीं
सोमवार, 11 जुलाई 2011
पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखानों से निकला खज़ाना सामने आने के बाद अब देश के 550 रियासतों, हजारों मंदिरों-मठों, पुराने किलों और रहस्यमयी गुफाओं में कैद अकूत खजानों की और बरबस ध्यान चला जाता है. गनीमत है कि इनके जनहित में उपयोग की संभावनाओं पर विचार करने का जिम्मा उच्चतम न्यायालय ने लिया है. अभी सत्ता में बैठे लोग घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने के कारण आम जनता का विश्वास खो चुके हैं. कई राजघरानों के खजाने सरकार पहले भी ले चुकी है लेकिन उनके उपयोग की कोई जानकारी नहीं है. आमलोगों को इस बात का भरोसा नहीं कि यदि सरकार को खजाने की चाभी सौंप दी जाये तो उसका जनहित में उपयोग होगा ही. पता नहीं उसका कितना हिस्सा मंत्रियों के पेट में समा जायेगा और कितना जनता के कल्याण में खर्च होगा.
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