आँखों में देखो
सोमवार, 21 फ़रवरी 2011
कहाँ कहाँ मुझे ढूंढते फिरोगे ?
आसान नहीं सत्य को ढूंढना
पाँव ज़ख़्मी हो जायेंगे
दिल दिमाग केन्द्रित हो जायेंगे
और मेरे सिवा कुछ नज़र नहीं आएगा !
मैं तुम्हारी ज़िन्दगी का अहम् बिंदु
या पड़ाव
हूँ ही नहीं
प्रश्न और उत्तर खुद में ढूंढना उचित होगा
तर्क के रास्ते में
कभी ये कभी वो नहीं होता
और तुम खामखाह
मेरे पीछे भागने लगे हो !
भागना कैसा
मैं तो हमेशा से हूँ
और सत्य से भागना मेरी नियति नहीं
कहीं अन्यत्र ढूँढने से बेहतर है
मेरी आँखों में देखो -
प्रश्न उठाने का सामर्थ्य है तो उठाओ
तुम्हें हमेशा जलतरंग सी मीठी ध्वनि सुनाई देगी
जीने का अर्थ मिलेगा
... परोक्ष में संभावनाएं मत ढूंढो
कल्पनाओं को गलत विस्तार न दो
क्योंकि मैं यदि मातृ रूप हूँ
तो शक्ति रूप भी हूँ !
13 comments:
नारी की शक्ति से परिचय कराती रचना.. हुंकार से भरी
परोक्ष में संभावनाएं मत ढूंढो
कल्पनाओं को गलत विस्तार न दो
क्योंकि मैं यदि मातृ रूप हूँ
तो शक्ति रूप भी हूँ !
गहन भावों का समावेश हर शब्द में ...हर पंक्ति बहुत बहुत कुछ कहती हुई, अनुपम प्रस्तुति ।
आत्मसाक्षात्कार कराती हुयी खुबसूरत रचना !
कहाँ कहाँ मुझे ढूंढते फिरोगे ?
आसान नहीं सत्य को ढूंढना
पाँव ज़ख़्मी हो जायेंगे
दिल दिमाग केन्द्रित हो जायेंगे
और मेरे सिवा कुछ नज़र नहीं आएगा !
मैं तुम्हारी ज़िन्दगी का अहम् बिंदु
या पड़ाव
हूँ ही नहीं
प्रश्न और उत्तर खुद में ढूंढना उचित होगा
तर्क के रास्ते में
कभी ये कभी वो नहीं होता
और तुम खामखाह
मेरे पीछे भागने लगे हो !
हर पंक्ति कुछ कहती हुयी....
नारी को बखूबी परिभाषित करती रचना |
बहुत खुबसूरत रचना |
सत्यम शिवम सुन्दरम !
बहुत सुंदर सचित्र नारी की परिभाषा आभार !
naari shakti jindabad:)
सुंदर एवं सार्थक रचना।
---------
ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।
कहीं अन्यत्र ढूँढने से बेहतर है
मेरी आँखों में देखो -
प्रश्न उठाने का सामर्थ्य है तो उठाओ
तुम्हें हमेशा जलतरंग सी मीठी ध्वनि सुनाई देगी
नारी के सत्य रूप को बताती सुन्दर रचना
naari ke rup ka bakhubi barnan kiya h
.
परोक्ष में संभावनाएं मत ढूंढो
कल्पनाओं को गलत विस्तार न दो
क्योंकि मैं यदि मातृ रूप हूँ
तो शक्ति रूप भी हूँ !
नारी की सही परिभाशा। बधाई इस रचना के लिये।
परोक्ष में संभावनाएं मत ढूंढो
कल्पनाओं को गलत विस्तार न दो
क्योंकि मैं यदि मातृ रूप हूँ
तो शक्ति रूप भी हूँ !
bahut sachchi aur sahi baat. sundar rachna, badhai.
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