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सपनो का संसार

सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

 आज का युवा वर्ग काफी रचनात्मक और उत्साह से भरा हुआ है कभी २ वो विध्वंसकारी और अवसादग्रस्त भी हो जाता है | वो देश में अपनेआप को स्थापित करने के लिए अपने लिए जगह तलाश कर रहा है पर मिडिया हर मोड़ पर उसे दिशाहीन बना दे रही है | घर और बहार की दुनिया में जब वो काफी अंतर देखता है तो कोई भी निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है | देश के नेताओं  का भ्रष्टाचार में लिप्त  होना मिडिया के इतने प्रचार के बावजूद भी उनपर किसी प्रकार की कार्यवाही  न होना , आतंकवाद का खत्म  न हो पाना | कश्मीर में शहीद  होने वाले शहीदों की कवर स्टोरी न बनाने की जगह फ़िल्मी हस्तियों की कवर स्टोरी बनाना ये सब उसे अपने आपसे यह पूछने पर मजबूर कर देते हैं की आखिर वो किसे अपना हीरो माने | अपने दिल में वो बहुत से सपने लेकर चलता है की उसे लेकर वो उन ऊँचाइयों को छु सके जिनके वो सपने देखता है |


                       कितना सरल सा शब्द है ये सपना  ? लेकिन सही मायनो में ये अपने आप में बहुत बड़ा स्थान रखता है इसका सम्बन्ध मानव से एसे जुड़ा है जिसके बिना वो अधुरा सा हो जाता है | सपनों  के बिना तो उसका सफ़र आगे बढ ही नहीं सकता हर इन्सान सपने देखता है उनमें से कुछ तो हम पुरे कर देते हैं और कुछ  सपने ही रह जाते हैं | हर सपना उसे इन्सान के लक्ष्य की और आगे बड़ने में सहायता करता है उसे होंसला देता है और हम उन ऊँचाइयों  को छु लेते हैं जहां तक पहुँचने का हम सोचते भी नहीं हैं | सपने दो तरह के होते है एक जो हम बंद आँखों से देखते हैं और एक वो जो हम खुली आँखों से देखते हैं | खुली आँखों से देखे हुए सपनों  का हमारे जीवन से गहरा ताल्लुख  होता है |

आज का युवावर्ग तरल सतह पर टिके सपने देखती है क्षितिज के पार अनजाने भविष्य के सपने ! आज के युवावर्ग में इतना जोश है की वह सिर्फ सपना देखती ही नहीं उसे पूरा करने के लिए वो कुच्छ भी कर  गुजरने को तैयार होती है उसके अन्दर इतना जोश है की उसे आगे बड़ने के बाद रोकना नामुमकिन है जरूरत है तो सिर्फ उसे सही राह में बड़ने की दिशा दिखाने की जिससे वो अपने सपनो को सही दिशा दिखा सके ! सपने रंगों की तरह होते हैं" संसार सपनो का केनवास" बस मन में विश्वास ले कर उसे अपने रंगों से भरते जाना है ! अगर हम कल्पना नहीं करेंगे तो उसे हासिल केसे कर पाएंगे , सपने देखना खुशहाल जीवन को आगे बड़ाने की सीडी जेसा है ! अक्सर लोग सपने दीखने वालो पर पहले हँसते हैं पर जब उसे पूरा होने पर ये शब्द कहना की ये मेरा" बचपन का सपना" था तो सपनो की महता पर यकीं करवा  ही देता है !
 

              जीवन में सबसे पहले कुच्छ पाने की चाह मन में उठती है उसे पूरा करने के लिए लगन परिश्रम और द्रिड निश्चय का होना बहुत जरुरी है ! यही सब हमे सपनो को साकार करने में मदद  करती है ! जयादातर सफल लोग इसी राह में चल कर आगे बड़ते हैं . उनके अलग डंग से सोचने और कुछ कर गुजरने की चाह ही उसे उन बुलादियो तक ले जाती है ! एक स्थान में बैठ कर खाली सपने देखने से कुच्छ हासिल नहीं होता उसे पाने के लिए मेहनत करना बहुत जरुरी  है  एसा सपना तो पानी के बुलबुले के समान होता है जो कुछ ही देर में ख़तम हो जाता है ! सपना देखो तो नदी के बहाव की तरह उस अंजाम तक पहुचो ! जब वो अपने जगह से शुरू होती है तो बहुत छोटे से स्थान से निकलती है और चलते २ उसका विस्तार बढता चला जाता है ! सपने भी हमारे जीवन की एसी ही मजबूत कड़ी है जो सब कुच्छ बदलने की ताक़त रखती है अगर जरुरत है तो सिर्फ सही दिशा और हिमत करने की !
 
                       "  आँखों में सपने मन में बंधन और आसमान में उड़ने की चाह " यही है युवावस्था ! युवा सपने गरम लहू के समान होते हैं ,वे देश की धमनियों और शिराओ में दोड़ते हुए उसे भीतर ही भीतर बदल डालने की क्षमता रखते हैं ! दुनिया की हर क्रांति  से पहले बेहतेर भविष्य की कल्पना ही लोगो के शारीर में गतिमान होते रहे होंगे ! क्रांतिकारियों और रचनात्मक सपनो में फरक सिर्फ इतना है की क्रांतिया गर्जना करती है और रचनात्मक सपने देश में बहुत धीरे से बदलाव लाती है ! युवा मन के सपने बसंत की तरह होते हैं जो दबे पाव आता है और देश के भविष्य को बदल डालता है और सारा देश नई तकनीक नई समृधि और विकास के रंगों में रंग जाता है !युवा सवपन देश को अहिंसक डंग से बदले का मादा रखता है जरुरत है सुकरात जेसे एक एसे अच्छे मरगदर्शक की जो उन्हें सही राह दीखा सके जो उनके विचारो को सही दिशा  दे सके क्युकी  मानव मन तो बंजर भूमि की तरह है उसमे जेसा बीज हम बोयेंगे वेसा ही प्राप्त करेंगे ! आज देश में एसे ही लोगो की जरुरत है जो नई प्रतिभाओ को  सही राह में लेजाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर सके !

                                         आजका नोजवान एक सक्षम देश बनाने का सपना देखता है दरअसल हमारी युवा पीडी महज सपने देखती नहीं बल्कि रोज यथार्थ से लडती है उसके सामने भ्रष्टाचार , आरक्षण का बिगड़ता सवरूप और महंगी होती शिक्षा जेसी ढेरो समास्याए  हैं इस चुनोती से भरी दुनिया में उसे अपने को स्थापित करने के लिए संकल्प के साथ आगे बढना है और अपने भविष्य को सवारना हैं क्युकी हर आने वाला  वक़्त अपने साथ चुनोतिया ले कर चला है कभी युद्ध तो कभी प्राक्रतिक आपदाए लेकिन केसा भी समय क्यु न आ जाये हमारे भीतर के सपनो को हमसे कोई नहीं झिन सकता ___ मै धरती मै पैदा होने वाले हर इन्सान को परणाम करती हु क्युकी हर इन्सान मै बरगद के पेड़ बनने की क्षमता नज़र आती है ! जो अपने सपनो के दवारा कभी भी साकार कर सकता है !             

4 comments:

Shalini kaushik 28 फ़रवरी 2011 को 11:57 am बजे  

सार्थक प्रस्तुति के लिए बधाई .

सदा 28 फ़रवरी 2011 को 12:48 pm बजे  

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

मनोज पाण्डेय 28 फ़रवरी 2011 को 4:14 pm बजे  

सुंदर और सार्थक प्रस्तुति !

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