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ब्लोगिंग एक पांचवां स्तम्भ

सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

ब्लोगगिरी पांचवां स्तम्भ लेकिन भाईगिरी और उठाईगिरी से तंग हे यह स्तम्भ

देश में ही नही विश्व में इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया मिडिया के रूप में पांचवां स्तम्भ बन गयी हे , इस ब्लोगिंग को हमारे देश भारत में एक नई पहचान मिली हे और आज इसीलियें ब्लोगिंग की दुनिया में रंगा रंग भार हे प्यार हे अपनापन हे लेकिन यह समाज हे यहाँ कुछ बुरे भी लोग खुदा ने बनाये हें जो इस मिठास भरी दुनिया को जहर भरी बनाने के प्रयासों में जुटे हें लेकिन हम सभी अगर कोशिश करेंगे तो रूठे हुए हमारे भाई नाराज़ गुस्से में अलग हुए हमारे अपने फिर से एक साथ जुड़ जायेंगे और इस पांचवें स्तम्भ के जरिये हम देश को गिरने से बचा कर फिर से एकजुट कर विश्व स्तर पर खड़ा करने में कामयाब हो सकेंगे ।

दोस्तों यह मेरी एक परिकल्पना सपना नहीं हे एक कोशिश हे जो इंशा अल्लाह इश्वर की क्रपा से आप लोगों की महनत से जल्द अज जल्द पूरी होकर रहेगी । ब्लोगिंग की दुनिया का इन दिनों मिडिया में भी बोलबाला हो गया हे यहाँ रचनात्मक लेखन, खबरें,कहानी,कविता,लेख और एक से एक बहतरीन रचनात्मक लेखन से यह दुनिया मालामाल हो गयी हे इस ब्लोगिंग को सभी ब्लोगर भाइयों ने सम्मान देते हुए ताकतवर बनाया हे ख़ुशी की बात यह हे के हर वर्ग हर समाज हर आयु वर्ग के लोग इस ब्लोगिंग की दुनिया से जुड़ गये हें और पांचवें स्तम्भ को चारों स्तम्भ से पहला स्तम्भ बनाने में जुटे हें , यहाँ भाही चारा सद्भावना एक दुसरे की मदद का माहोल हे प्यार दो प्यार दो प्यार लो का नारा आम हे बहने और भाई मिलकर इस दुनिया को सजा संवार रहे हें , हालात यह हे के एक परिवार जब बचा होता हे तो फिर वोह अपना कमरा फिर किचन कर के दो परिवारों में बंट जाता हे कभी प्यार तो कभी तकरार का माहोल एक बढ़े परिवार में होता हे और यह सब इस दुनिया में होने लगा हे ब्लोगिंग को संवारने और जन जन तक पहुँचने के लियें आसान करने के लियें कई रचनात्मक लेखन वाले भाइयों ने ग्रुप हाँ ग्रुप यानि खेमे बना लिए हें लेकिन ख़ुशी की बात यह हे के सभी ग्रुप एक ही सोच रचनात्मक सोच राष्ट्रीयता की सोच भाईचारे और सद्भावना की सोच लिए चल रहे हें सभी ब्लोगर भाई बहने और ब्लोगिंग गुट देश में फेल रही अराजकता से दुखी हे , भ्रस्ताचार को देख कर इसे केसे दूर किया जाए इस पर चिन्तन कर रहे हें राजनीती के स्तर में गिरावट को लेकर सभी परेशान हे हेरान हें इसलियें दोस्तों ब्लगो गुट चाहे अलग अलग हों लेकिन भारत बचाओं का नारा सार्थक करने की सोच सभी ब्लोगरों की एक हे और यह ब्लोगिंग की इस दुनिया के लियें गोरव की बात हे ।

दोस्तों कहावत हे जहां अच्छाई होती हे वहां बुराई भी होती हे जहां राम होते हें वहां रावण भी होता हे जहां कृष्ण होते हें वहां कंस भी होता हे जहां हसन हुसेन होते हें वहां यज़ीद भी होता हे जहां पांडव होते हें वहां कोर्व भी होते हें इतिहास गवाह हे जब जब भी बुराई ने अच्छाई पर हमला किया हे बुराई ने मुंह की खाई हे और ब्लोगिंग की दुनिया में भी कुछ हे जो कंस,यज़ीद,रावण,कोरव के वंशज हे और वोह इस दुनिया में जहर घोलने की कोशिशों में जुट गये हें पहले तो हम और आप यह समझते थे हाथी निकलता तो कुत्ते भोंकते हें इसलियें चुप हो जाया करते थे लेकिन कहते हें एक मछली तालाब को गंदा कर देती हे लेकिन यहाँ इस ब्लोगिंग की दुनिया को बदनाम करने के लियें इसमें कडवाहट घोलने के लियें कुछ लोग हें जो एक मिशन बना कर काम पर जुटे हें दोस्तों उनसे घबराने की जरूरत नहीं यह सही हे कुछ बुरों का भी ग्रुप हे लेकिन मेरा उन सभी से आग्रह हे के ऐसे सभी भटके हुए भाई खुद को सम्भाले अपना गुस्सा त्यागे बेठ कर बात करें किसी का लेकन अगर पसंद नहीं तो उसे रचनात्मक सुझाव दें बेठ के बात करें लेकिन एक दुसरे को बुरा कहना एक दुसरे को गाली बकना नफरत और घ्रणा फेलाना इस ब्लोगिंग के लियें अच्छा नहीं हे वायरस आते हे लेकिन ज्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहते इसलियें दोस्तों सब मिलजुल कर चलो बढा दिल रखो किसी से कोई गलती होती हे तो रचनात्मक सुझावों के साथ उसको सूधारने का मोका दो यूँ ब्लॉग गिरी को भाईगिरी ,गुंडागिरी और दादागिरी उठाई गिरी में मत बदलो प्लीज़ ........ दोस्तों में एक बात और याद दिलाऊं ब्लोगिंग की दुनिया कानून के जानकार इतने सक्षम हे के वोह छद्म नामों से ब्लोगिंग करने और संदेश भेजने वालों को साइबर कानून के प्रावधानों के तहत साइबर तकनीक जो हर ब्लॉग और संदेश हर आई डी को एक अंक देती हे और उससे क्तिना ही छुप कर कोई गंदगी फेलाए वोह पकड़ में आ जाता हे और ऐसे आदमी के खिलाफ गेर जमानती अपराध की कार्यवाही होती हे लेकिन खुदा करें किसी भी ब्लोगर को सूधारने के लियें इतना बढ़ा कदम कभी किसी को उठा ने की जरूरत न पढ़े तो दोस्तों,बहनों ,भाइयों और बुजुर्गों आओ हम सब मिलकर इस ब्लोगिंग की दुनिया को बुलंदियों पर पहुंचाए कुछ ऐसा लिखें कुछ ऐसा करें के देश के दुश्मन बने लोगों से इस देश को बचाएं ।

अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 comments:

मनोज पाण्डेय 1 मार्च 2011 को 1:21 pm बजे  

सराहनीय प्रस्तुति, हिंदी ब्लॉग पंचम स्तम्भ है कोई सक नहीं आपसी भेद - भाव भुलाना होगा पंचम लहराना होगा ,बधाई !

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " 1 मार्च 2011 को 1:23 pm बजे  

प्रिय भाई अख्तर खान अकेला जी ,

पहले तो ब्लॉग लेखन विषय ,पर इतना बढ़िया विचार प्रस्तुत करने के लिए बधाई स्वीकारें | जिन भी स्थितियों का आज के दौर में आप ने जिक्र किया है और अपनी बात राखी है , वे सर्वथा प्रासंगिक एवं विचारणीय हैं | आलोचना करनेवाले यदि सार्थक पहल करते हैं तो वह स्वागतयोग्य है किन्तु गाली-गलौज , अपशब्दों का प्रयोग एवं अनाप-शनाप व्यवहार कदापि क्षम्य नहीं हो सकता | यह कार्य करनेवाले लोग मानसिक रूप से विक्षिप्तही हो सकते हैं |

हम सब एक डाल के पंछी हैं , साथ-साथ चहचाहयेंगे तभी आनंद मिलेगा |

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