ब्लोगर ललित शर्मा के यहाँ आयकर विभाग का छापा
रविवार, 20 मार्च 2011
दोस्तों घर की बात हे घर में ही रहना चाहिए किसी को पता नहीं चलना चाहिए थोड़ा कान इधर लाओ एक ख़ास खबर ब्ताताता हूँ वोह अपने घुमक्कड़ हर दिल अज़ीज़ ब्लोगर हें ना अरे वाही भाई ललित शर्मा जो बंदूक ताने कभी रंग बिरंगे कभीर मुछों से डराते हुए इस्मार्ट पर्सनाल्टी लिएँ ब्लॉग की दुनिया मने धूम मचा रहे हें हां व्ही ललित जी कल रात उनके घर को आयकर विभाग के अधिकारीयों ने सील कर लिया और कला धन उनके पास होने सुचना पर तलाशी शुरू कर दी .
भाई डॉक्टर अनवर जमाल को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने ब्लोगर भाईचारे के नाते उन्हें बचाने के लियें अदालत चला रहे तीसरे खम्भे के अनवरत दिनेश जी द्विवेदी को सुचना दी जाने का कोई साधन नहीं था क्या किया जाए उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव को कहा और हाल ही में जो हेलिकोप्टर उन्हें भेंट किया हे उसे भेजा गया में और शालिनी कोशिक जी रश्मि प्रभा से इजाजत लेकर जब वहा पहुंच तो पावला जी और खुशदीप जी सहगल सहित सेकड़ों ब्लोगर वहां पहले से ही मोजूद थे कुछ लोग भाई ललित जी की तरफ थे तो कुछ उनके खिलाफ खेमे बंदी कर रहे थे खेर जाते ही दिनेश राय जी द्विवेदी ने आयकर विभाग वालों को अड़े हाथों लिया और कहा के तलाशी रोक दो तुम ललित जी शर्मा के घर की तलाशी विना वारंट के नहीं ले सकते हो इस दोरान मुबई से एस एम मासूम साहब भी अआग्ये एक छत्तीस गढ़ के लाल बत्ती बाले बत्ती हे जो ललित जी दोस्त हे वोह भी वहीँ मोजूद थे लेकिन आयकर विबाग के अधिकारी किसी की सुनवाई नहीं कर रहे थे द्विवेदी जी और मेने फिर आयकर विभाग वालों से कानूनी बात तलाशी वारंट के बारे में पूंछा तो उन्होंने कहा के घोडा व्यापारी हसन अली पकड़ा गया हे और हमें किसी ब्लोगर ने सुचना दी हे के भाई ललित जी ठाठ से रहते हें घूमते फिरते हें मज़े करते हैं इनकी तिजोरियां माल से भरी हे इसलियें इनके पास काला धन हे , हमारा फिर वाही सवाल पहले तलाशी वारंट बताओ फिर तलाशी लो खेर आयकर विभाग के अधिकारी वारंट ढूंढने लगे वारंट ओत वोह दिल्ली ही भूल आये थे हमने बिना वारंट के तलाशी रुकवा दी एक अधिकारी हमारे ही हेलिकोप्टर से भाई अनवर जमाल को लेकर दिल्ली जाने लगे लेकिन जमला भिया ने कहा के में तो छुट्टी पर हूँ और ऐसी हालत में में भाई ललित शर्मा को अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगा खेर हरीश जी ब्लोगर शिखा कोशिक जी को लेकर दिल्ली पहुंचे वारंट आया फिर तलाशी शुरू , भाई ललित जी की सिफारिश करने वालों के फोन घन घना रहे थे प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक चाहता था ललित जी शर्मा छुट जाए उनका कहना था के जब हम लोग भी चोर हे तो फिर ललित जी का क्या दोष हे एक ललित जी शर्मा थे जिनके चेहरे पर जरा भी तनाव नहीं था खेर हमने सोचा बहादुर पंडित हें किसी भी समस्या से डरते नहीं भगवान पर भरोसा करते हें इसलियें ऐसा हो रहा हे , ललित जी का पह अलोकर खुला उसमें दो किलो प्यास , एक किलो लहसुन निकला साथ में दिनेश जी और पावला जी की कुछ तस्वीरें थी गीता थी कुरान और बाइबिल थे , दुसरा लोकर खोला गया उसमें हाल ही में जो चवन्निया पाबन्द की गयी हे सो से भी अधिक वोह चवन्नियां पढ़ी थी इस लोकर में भी कुछ नहीं मिला लेकिन एक नक्शा मिला जिसके आधार पर सभी आयकर विभाग वालों ने जगह तलाशी चलते गये चलते गए तो यह तो खुश दीप जी का बेडरूम निकला वहां के पी सक्सेना और शाहनवाज़ के कुछ सीक्रेट एक बसते में बंद थे खेर फिर ललित जी शर्मा के घर का रुख किया तो सब होली की मस्ती में मशगुल थे भंग की पकोडिया खाई जा रही थीं तारकेश्वर गिरी इधर उधर छुप रहे थे क्योंकि दो प्याजें उन्होंने अपनी जेब में छुपा ली थीं .
अब सभी लोग थक चुके थे आयकर विभाग वाले तलाशी में जो माल मिला था वोह सुचना देने वाले को दस प्रतिशत देने के लियें ढूंढ़ रहे थे उन्होंने जेसे ही खुश दीप जी को देखा उनको पुकारा और तिन प्याज़े पञ्च लस्सन उन्हें थमा दिए बोला यह आपका दस प्रतिशत सुचना देने का हिस्सा हे चुप चाप रख लो घर का भेदी लंका ढाए वाली कहावत देख कर हमने कहा यह किया घर को ही लगी हे आग घर के चिराग से तो ललित जी ने हमारा मुंह बंद कर दिया थोड़ी देर में सभी आयकर अधिकारी जा चुके थे रात ललित जी के यहाँ ही सभी ब्लोगर ठहरे सुबह सारे अख़बारों और टी वी चेनलों पर खबर थी लोग ललित शर्मा जी को बधाईयाँ दे रहे थे कई बेंक मेनेजर लोन दें के लियें लाइन लगा कर खड़े थे कई रिश्तेदार जो भिया ललित जी को नाकारा समझते थे हाथ में माला लिए खड़े थे हर कोई उनका दोस्त रिश्तेदार बनना चाहता था बच्चों के रिश्ते धडा धड़ी से आने लगे थे यह सब तमाशा देख खुश दीप जी ने कहा के भाई ललित पावला जी की सलाह पर मेने यह आयकर विभाग का छपा डलवाया हे और देखों इससे तुम्हारा मान सम्मान कितना बढ़ गया हे बस फिर किया था सभी ब्लोगर खुशदीप जी के पीछे पढ़ गये के प्लीज़ मेरे यहाँ भी आयकर विभाग का छापा पढवा दो ना और इस भीढ़ को देख कर खुश दीप जी को कहना पढ़ा के जाओ पहले लाइन में जाकर लगो तुम्हारा नम्बर आएगा जब बात करेंगे ........... बुरा न मनो होली हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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