पत्रकारिता से ब्लोगिंग की सफलता तक का ग्वालानी जी का सफ़र
शनिवार, 26 मार्च 2011
राजकुमार ग्वालानी जी एक सहज ह्रदय के म्रदु भाषी संस्कारिक लेखक हें ग्वालानी जी पिछले १५ वर्षों से देशबन्धु समाचार पत्र में पत्रकार रहे हें और वर्तमान में भी रायपुर जो छत्तीसगढ़ की राजधानी हे वहां के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के खोजी पत्रकार सम्पादक हे , पत्रकार होने के नाते निरंतर लेखन से जुड़े रहने के अकारण ग्वालानी जी के पास मुद्दों की कमी नहीं हे पत्रकारिता में कई लोग दुश्मन भी होते हें लेकिन ग्वालानी जी की पत्रकारिता एक ऐसी आदर्श पत्रकारिता हे के उन्हें लोगों का प्यार ही प्यार मिला हे रायपुर में पत्रकारिता के अखाड़े में सभी को चित करने के बाद ग्वालानी जी ने फरवरी २००९ में ब्लोगिंग की राह पकड़ी और फिर उन्होंने पीछे मूढ़ कर नहीं देखा . ग्वालानी जी ने पत्रकारिता के कमाल और हुनरमंदी के खेल ब्लोगिंग में दिखाए ब्लोगिंग की दुनिया को एक करने का प्रयास किया अपने सुझावों अपनी पोस्टों से ग्वालानी जी ने ब्लोगर्स को एक नया सन्देश दिया अपनापन दिया .ग्वालानी जी ने फरवरी २००९ में ब्लोगिंग शुरू कर सबसे तेज़ बढ़ते अखबार की तरह केवल ११ माह में दिसम्बर २००९ तक ९०५ पोस्टें पूरी कर ली थी . राजतन्त्र के नाम से ब्लोगिंग की दुनिया में झंडे गाढ़ने वाले पहले ऐसे ब्लोगर हे जो भाईचारा और सद्भावना की ब्लोगिंग करते हें अपने ब्लॉग पर खुद के अलावा अपने साथियों के लिंक ब्लॉग भी शामिल हे चर्चा के नाम पर ग्वालानी जी की शख्सियत ब्लोगिंग की दुनिया में किसी के परिचय की मोहताज नहीं रही हे और इसीलियें इंडिया ब्लोगिंग रेंक में भी यह आगे हें जबकि इनके २१ लिंक और खेल्गढ़,स्वप्निल,ललित.कॉम.अमीर धरती गरीब लोग , शरद कोकास , चर्चा पान की दुकान पर जेसे ब्लॉग भी उन्होंने राजतन्त्र का हिस्सा बना रखे हे इस वर्ष इनकी ७३१ प्रविष्टियों पर अब तक ५२११ टिप्पणियाँ इन्हें मिल चुकी हे लाखों लोग इनके ब्लॉग के पाठक हे और इतना सब होने पर भी ग्वालानी जी हे के बस ब्लोगिंग के झगड़ों तकरारों से अलग थलग अपने लेखन के माध्यम से ज्ञान और प्यार बाँट रहे हें ऐसे ब्लोगर को मेरी तरफ से सलाम ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
सच को बयान कराती हुयी प्रस्तुति !
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