ब्लॉगिंग को सार्थक करती परिकल्पना
बुधवार, 2 मार्च 2011
"यदि आप ब्लॉग जगत के महत्व को नज़दीक से समझना चाहते हों और हिंदी ब्लोगिंग की दशा एवं दिशा को निरखना चाहते हों , तो परिकल्पना एक अपरिहार्य माध्यम के रूप में आपके सामने मौजूद है !"
ये मैं नहीं कह रहा हूँ प्रिंट मीडिया कह रही है
जी हाँ , आज हिंदी दैनिक जनसंदेश टाईम्स में "ब्लॉगवाणी" स्तंभ के अंतर्गत हुई है रवीन्द्र प्रभात जी की परिकल्पना और उनके द्वारा की गयी अविस्मरनीय पहल ब्लोगोत्सव-२०१० तथा वर्ष-२००७ से वर्ष-२०१० तक उनके द्वारा किये गए समग्र हिंदी ब्लॉग विश्लेषण की चर्चा .....!
लीजिये आप भी अवलोकन कीजिये-
8 comments:
ye to man karne wali khabar hai.....
bhai parikalpana pe hame 'abhiman' hai.....
pranam.
यह तो बहुत ही सुखद और वृहद् चर्चा है भाई, बधाईयाँ
बहुत-बहुत बधाईयाँ प्रभात जी को !
अच्छा लगा पढ़कर विस्तार से.
ब्लॉगोत्सव-2010 के प्रशंसक हम भी हैं, बड़ा काम है यह.
श्रमसाध्य कार्य के लिए बधाई के पात्र तो हैं ही !
सच मे रविन्द्र् प्रभात जी इसके लिये बधाई के पात्र है। धन्यवाद।
rvind ji iske liye badhai ke paatr hai.
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