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दोस्ती का पैगाम लेकर अमन सुकून की दुनिया बनाने निकले हैं भाई संजय भास्कर

गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

जी हाँ दोस्तों एक प्यारे से ,समझदार से ,राष्ट्रप्रेम की भावना रखने वाले ब्लोगर संजय भास्कर दोस्ती का पैगाम लेकर अमन सुकून की दुनिया बनाने के लियें निकल पढ़े हैं और वोह अपनी इस कोशिश में काफी हद तक कामयाब भी हो रहे हैं खुदा करे एक रंगीन ,अमन सुकून की खुशहाल दुनिया बनाने का उनका सपना जल्दी ही साकार हो जाए .
भाई संजय भास्कर हरियाणा के फतेहाबाद में पैदा हुए वहीं पले बढ़े और अब वहीं के होकर रह गये हैं लेकिन एक छोटी सी जगह पर बैठ कर भाई संजय दुनिया और ब्लोगिंग में खुशियों के रंग भर रहे हैं यह चाहते हैं के दर्द भरे चेहरे सामने से हट जाएँ रोते बिलखते लोग रोना धोना छोड़ कर मुस्कुराने के आदतन हो जाएँ और इसी सोच से प्रभावित होकर संजय भास्कर ने भास्कर यानि सूरज की रौशनी फेलाने के लियें ब्लोगिंग की दुनिया में प्रवेश किया और उन्होंने खुद के ब्लॉग का नाम अपनी सोच के मुताबिक ...आदत मुस्कुराने की ......रख डाला . अपने इस ब्लॉग के माध्यम से संजय भाई दुनिया  को दोस्ती का पाठ पढ़ाने निकल पढ़े हैं , और इनका नारा है दोस्त बनाओ दुनिया बनाओ सुकून खुद बा खुद मिल जाएगा और जब यह दोनों चीजें हमारे पास होंगी तो अमन चेन और खुशहाली खुद बा खुद साथ आया जायेगी .
भाई संजय विनम्रता से सभी ब्लोगर्स से किसी ना किसी तरीके से एक बार तो मिलने का प्रयास करते हैं ,वोह ब्लोगिग्न के कुछ टिप्स देते हैं तो कई टिप्स भाई ब्लोगरों से खुद के सूधार के लियें लेने से भी नहीं चुकते हैं यही वजह रही है के २३३ ब्लॉग लिख कर इन जनाब ने ८३०६ लोगों का टिप्पणियों के माध्यम से प्यार समेटा है . 
टेलीकम्युनिकेशन का काम कर रहे भाई संजय कस्टमर केयर सर्विस का काम कर रहे हैं जो ब्लोगिंग की दुनिया में भी मधुरता घोल रहे हैं , इन्हें नई नई किताबे पढने और संगीत सुनने का शोक है , नई नई खोज करना इनकी आदत है और एक नेक इंसान की तरह नेक नियति रखते हुए सभी को प्यार बांटने का काम करने वाले भाई संजय भास्कर जब राजनीती पर चिन्तन लेख लिखते हैं तो एक कुशल सधे हुए राजनितिक लगते हैं ,भाई संजय जब को रिपोर्टिंग या हाल पर टिप्पणी लिखते हैं तो ऐसा लिखता हैं के एक साहित्यकार सधे हुए अल्फाजों में अपने विचारों की खुशबु आलेख के माध्यम से ब्लॉग पर बिखेर रहा है ,भाई संजय जब कोई गज़ल, कोई कविता ,कोई दर्शन ब्लॉग पर लिखते हैं तो साहित्य के निर्धारित मापदंडों को यह नहीं भूलते हैं और खान कोनसा मीटर कोंसी बहार रदीफ़ काफिया लगेगा इसका भी पूरा ध्यान रखते हैं लेकिन इनके हर ब्लॉग में एक जिंदगी ,एक रौशनी एक रंग होता है और विभिन्न ब्लोगों के विचारों से इनकी ब्लोगिंग सतरंगी हो गयी है भाई संजय खुद भी जिंदगी के रंगों को समेटकर जिंदगी को खुबसूरत सतरंगी बनाने में जुटे हैं और वोह कामयाब ही हो रहे हैं यही वजह है के आज हर ब्लोगर चाहे किसी भी विचार धारा का ,किसी भी धर्म का प्रमोटर या किसी भी अधर्म का रक्षक हो  वोह संजय भाई और उनकी लेखनी को दिल से सलाम करता है ............इसीलियें सभी को आदत मुस्कुराने की रखना चाहिए और इस आदत को अपनाना चाहिए ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 comments:

सदा 21 अप्रैल 2011 को 10:11 am बजे  

बिल्‍कुल सच कहा है आपने संजय जी के बारे में .. ये अपने इस खुशियों भरे पैग़ाम को सब तक पहुंचाने में कामयाब हों ...इन्‍हीं शुभकामनाओं के साथ, इस प्रस्‍तुति के लिये आपका आभार ।

बेनामी,  21 अप्रैल 2011 को 4:09 pm बजे  

बिल्कुल ठीक कहा है आपने..वैसे सभी की कोशिश यही होनी चाहिए कि वह किसी के मुरझाए चेहरे पर एक मुस्कुराहट खिला दे...यही जीवन की असली खुशी होगी...

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