...ब्लॉग की दुनिया के आयरन लेडी डॉक्टर दिव्या श्रीवास्तव ........
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011
दोस्तों आपने लोह पुरुष और आयरन मेन के बारे में तो बहुत सूना होगा लेकिन एक आयरन लेडी ,एक लोह महिला जो अपने फोलादी इरादों से देश और समाज को झकझोरने और सुधरने के लियें विदेश में बैठकर अपने प्रयास कर रही है , जी हाँ दोस्तों एक महिला और लोह महिला यह जानकर मुझे खुद अजूबा लगा था लेकिन मेने जब डोक्टर दिव्या के फोलादी इरादे और इनकी फोलादी विचारधारा को इनकी पोस्टों के माद्ध्यम से जाना तो पता चला के आयरन लेडी शब्द तो इनके लियें बहुत बहुत छोटा सा लगने लगा है .
डॉक्टर दिव्या श्रीवास्तव मानवीयता भाव के साथ मानवता से जुडी हैं और इसीलियें इनकी विचारधारा ,इनकी रचनाये ,इनके लेख, इंसान के जज्बात को झकझोर देने वाले हैं जून २०१० और २००९ से ब्लोगिंग की दुनिया में अपना ज्ञान बाँट रही इस आयरन लेडी ने इतने से अल्प समय में ३१७ फेन बना लिए हैं , पेशे से चिकित्सक डॉक्टर दिव्या को सभी तरह के ब्लॉग पढना अच्छा लगता हैं वोह सभी ब्लोगों पर भ्रमण कर अपनी पहचान,अपनी टिप्पणियाँ ,आपने विचार जरुर छोडती हैं , डोक्टर दिव्या थाईलेंड में रहकर इन दिनों मरीजों का इलाज कर रही हैं लेकिन उसी व्यवसायिक वक्त से कुछ वक्त डोक्टर दिव्या चुरा कर ब्लोगर भाइयों और बहनों के लियें खर्च करती हैं एक रचनात्मक सोच , एक सुझाव , एक टिप्पणी देश को देती हैं .....................zeal ..............paradise यानि ज़ील के नाम से हिंदी का ब्लॉग और पेराडाईज़ के नाम से अंग्रेजी भाषा में ब्लोगिंग की जा रही है ज़ील हिंदी ब्लॉग में जो रचनाएँ हैं ,जो कविताएँ हैं ,जो गजले हैं ,,जो लेख ,आलेख हैं, उसमें दुनिया और दनिया की खूबसूरती के साथ साथ दुनिया की समस्याएं भरकर डोक्टर दिव्या जी ने रख डाली हैं और इस छोटे से ब्लॉग में दुनिया को मुट्ठी में बंद करने के प्रयासों में डॉक्टर साहिबा ने लेखन में पूरी इमानदारी बरती हैं कहते हैं के डोक्टर कभी भी डॉक्टर की बेईमानी के खिलाफ ना बोलता हैं और ना ही कुछ लिखता हैं और यह बात में दावे के साथ इसलियें कह सकता हूँ के में वकालत के पेशे से जुड़ा होने के कारण मेडिकल नेग्लीजेंसी के मामलों में जब भी किसी एक्सपर्ट गवाह को तलाशता हूँ तब कोई भी चिकित्सक मेडिकल नेग्लीजेंसी का खुला मामला होने पर भी गवाही देने के लियें तय्यार नहीं होता हैं लेकिन डोक्टर दिव्या जो आयरन लेडी हैं उन्होंने अभी हाल ही में जयपुर में महिलाओं के गर्भाशय अनावशय्क रूप से निकालने और फिर करीब अट्ठारह महिलाओं की मोत हो जाने पर ब्लॉग पर लिखने के लियें कलम उठायी हे और चिकित्सा की सारी तकनीक का खुलासा करते हुए ऐसे चिकित्सकों की खुले शब्दों में आलोचना करते हुए एक ज्ञानवर्धक,प्रासंगिक ,रचनात्मक उपयोगी लेख लिखा है जिसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है डोक्टर दिव्या जी हर लेख, आलेख को इस तरह से लिखती हैं के ब्लोगर्स के लियें लेखों को,रचनाओं को पढना मजबूरी बन जाता हैं और प्रत्येक ब्लोगर्स के हाथ खुद बा खुद टिप्पणी के लिएँ की बोर्ड पर थरथराने लगते हैं ऐसी लोह महिला को मेरा सलाम , मेरा प्रणाम .......................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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