जी हाँ स्वामी अग्निवेश ने आज तो सरकार की दलाली कर साबित कर दिया की वोह देश के सवा सो करोड़ लोगों के गद्दार हैं .कभी अन्ना के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतिम वक्त तक लड़ने की बात करने वाले स्वामी अग्निवेश आज अचानक बदल गए उन्होंने टी वी को दिए गए अपने बयान में साफ कहा के अन्ना को प्रधानमन्त्री और संसद की बात मान कर अनशन वापस ले लेना चाहिए और फिर थोड़ा आराम कर वापस से आन्दोलन करें स्वामी अग्निवेश और टी वी चेनल की साफ़ सरकार से सांठ गाँठ नज़र आ रही थी ....आज संसद में कोंग्रेस और भाजपा ने एक साथ होकर यह साबित किया है के उन्हें जनता और जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं जनता को वोह जूते की नोक पर रख कर जेसा चाहें व्यवहार करते हैं और को उनका कुछ बिगाड़ भी नहीं सकता है .....आज संसद में चालीस सालों से भी अधिक वक्त से लोकपाल बिल चाकर काटता रहा सेकड़ों विधेयक इस दोरान पेश हुए और पारित हुए कई सांसद आये कई सांसद आकर चले गए लेकिन नहीं आये तो बस भ्रष्टाचार को मिटाने वाले सांसद नहीं आये कोंग्रेस..भाजपा..सपा.बसपा.वगेरा वगेरा जो भी पार्टियां थीं सभी सत्ता में रहीं लेकिन जनता के बारे में जनता के अधिकारों के बारे में किसी भी पार्टी ने नहीं सोचा एक आम आदमी अन्ना जब सडक पर उतरे तो पहले चालीस से धूल चाट रहा विधेयक बाहर निकाला गया सोचा लोगों को साम्प्रदायिकता , हिन्दू मुस्लिम कोंग्रेस भाजपा के नाम पर लड़ाएँगे और इस बिल को टाल देंगे उन्हें पता नहीं था के अन्ना आम आदमी नहीं आंधी हैं वोह ना बिकेंगे ना झुकेंगे और उनकी टीम के एक दो लोग स्वामी अग्निवेश निकल भी जाए तो भी उनके साथ मजबूत कंधे हैं ..सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के पहले उन्हें डराया ,धमकाया उन्हें ब्लेकमेल किया अपनी सारी सरकारी ताकत झोंक कर भारी जान समर्थन के आगे सरकार झुकी लेकिन बड़े आराम के साथ प्रधानमन्त्री और कपिल सिब्बल ने अन्ना का मजाक उदय कोंग्रेस ने उन्हें भ्रष्ट बताया .भाजपा ने उनके बिल का समर्थन नहीं किया चर्चा तक नहीं की और दस दिन बाद सरकार और विपक्ष भाजपा कोंग्रेस अन्ना से कहती है के आपके बिल की भी सांसद में चर्चा होगी अनशन तोड़ दो हमे आपकी फ़िक्र है तो जनाब कोंग्रेस भाजपा के चेहरे इस लोकतंत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में साफ़ हो गये हैं कोंग्रेस और भाजपा के दल्ले खूब आये खुद शिवसेना के बालठाकरे के पेट में दर्द हुआ अन्ना टीम को त्द्राया गया धमकाया गया डांटा गया वायदा किया और फिर मुकर गये .कुल मिला कर कोंग्रेस और भाजपा खुले तोर पर भ्रष्टाचार के साथ खड़ी दिखी एक जिद सांसद में कार्यवाही होगी स्टेंडिंग कमेटी देखेगी तो जनाब स्टेंडिंग कमेटी का कहां विधिक प्रावधान हैं क्यों सांसद में सरकार बिल नहीं लायी क्यूँ चर्चा नहीं की क्यूँ बिल को टाल कर स्टेंडिंग कमेटी को तरका दिया गया किया देश की जनता और अन्ना इसकों नहीं समझते हैं ...में खुद सरकार की आज की चाल से चिंतित था मेरा ब्लड प्रेशर ठंढा था में सोचता था के देश का भ्रष्टाचार जीत गया और इस की लड़ाई में लगे सवा सो करोड़ लोग हार गये लेकिन वाह अन्ना वाह नो बिका ना झुका ना फुसलाने में आया सरकार की काली करतूतों को सामने खोल कर रख दिया और अड़ गया कुछ ना कुछ जनता के लियें लेने के लियें अब भाजपा और कोंग्रेस और दुसरे दल तो जनता के सामने भ्रष्टाचार के हिमायती और लोकतंत्र के हत्यारे साबित हो गए है देखे आगे क्या होता है सरकार भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए भाजपा से सांठ गाँठ कर जनता और आन्दोलन कारियों का कितना दमन करती है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
3 comments:
बहुत सुन्दर लेख है.हमारे देश में नेता किसी भी दल के हो.वो देश को आगे लेकर जाने की कोई नहीं सोचता है. श्री अन्ना हजारे जी के आंदोलन से लोगों में जागरूकता आने से लोगों को उनका असली चेहरा भी देखने को मिल गया.
अच्छी भावना के साथ लिखा आलेख. आभार. MEGHnet
सही बात है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई आसान नहीं.
यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक हेतु पढ़े आलेख-
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
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