प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ. Blogger द्वारा संचालित.
प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जहां आपके प्रगतिशील विचारों को सामूहिक जनचेतना से सीधे जोड़ने हेतु हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं !



कोरे सपने.......

गुरुवार, 25 अगस्त 2011



बिना तुम्हारे बंजर होगा आसमान 
उजड़ी सी होगी सारी जमीन 
फिर उसी धधकते हुए सूर्य के प्रखर तले 
सब ओर चिलचिलाती काली चट्टानों पर 
ठोकर खाता, टकराता भटकेगा समीर 
भौंहों पर धुल-पसीना ले तन-मन हारा 
बेचैन रहूंगा फिरता मैं मारा-मारा
देखता रहूँगा क्षितिजों की 
सब तरफ गोल कोरी लकीर 
फिर भी सूनेपन की आईने में  चमकेगा लगातार 
मेरी आँखों में रमे हुए मीठे आकारों का निखर 
मैं संभल न पाऊंगा डालूँगा दृष्टि जिधर 
अपना आँचल फैलायेगी वह सहज उधर.......
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
०९६३०३०३०१०
०९६३०३०३०१७

3 comments:

Bharat Bhushan 25 अगस्त 2011 को 1:52 pm बजे  

बड़े कैनवास की छोटी कविता.सुंदर सृजन.

Neelkamal Vaishnaw 27 अगस्त 2011 को 12:05 pm बजे  

@bhushan ji
@s. vikram ji

आप लोगों ने मेरी रचना को पसंद कर इतने अच्छे विचार प्रकट किये मैं बहुत बहुत आभारी हूँ आपका
मेरी रचनाये नीचें यहाँ पर भी हैं आप आये और अपने मित्रता की पंक्तियों में मुझे भी शामिल कर अनुग्रहित करें
MITRA-MADHUR
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN

एक टिप्पणी भेजें

www.hamarivani.com

About This Blog

भारतीय ब्लॉग्स का संपूर्ण मंच

join india

Blog Mandli
चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
apna blog

  © Blogger template The Professional Template II by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP