प्यारी सी कली जब फूल बन खिली
शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011
एक प्यारा सा सन्देश बेटियों के नाम .............
तुम तो इस बगिया की
प्यारी सी वो कली हो |
माँ - बाबा के प्यार से
अब फूल बन खिली हो |
जिन्दगी की इस दौड़ मै
खुद को कम न समझना |
तुम पर ही टिकी होगी नींव
पर उसे विरासत न समझना |
किसी के अत्याचार को तुम
हरगिज कभी न सहना |
पर किसी को प्यार देने से भी
पीछे कभी तुम ना हटना |
बच्चों को प्यार देना
अच्छे संस्कार देना |
कोई तुम्हें दुत्कारे तो
उसका भी जवाब देना |
सबका ख्याल रखना
बेचारगी मै न जीना |
स्त्री की हिम्मत को समझना
उसको बनाये रखना |
जिंदगी तो रोज़ एक सवाल है
तो उसका जवाब देते रहना |
फिर अपने इस संसार को तुम
एसे खुशहाल रखना |
दोनों घरों की इज्ज़त को तुम.....
एसे बरकरार रखना |
अपनी प्यारी सी बगिया को तुम
हर दम आबाद रखना |
सबकी दुआएं लेना
सबको दुआएं देना |
तुमसे ही है ये दुनिया
हर दम ख्याल रखना |
9 comments:
सार्थक सीख बेटियों को ...
किसी के अत्याचार को तुम
हरगिज कभी न सहना |
पर किसी को प्यार देने से भी
पीछे कभी तुम ना हटना
बेहतरीन अभिव्यक्ति।”
सबकी दुआएं लेना
सबको दुआएं देना |
तुमसे ही है ये दुनिया
हर दम ख्याल रखना !
वाह ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
समस्त बेटियों के लिए उपयुक्त सन्देश !
इसी सीख की ज़रूरत है , इसी में जीवन की सार्थकता है
bhtrin yaadgaar or rchnatmk sndesh bdhaai ho . akhtar khan akela kota rajsthan
सार्थक सीख समस्त बेटियों को ...
अच्छी, भावभरी रचना।
यही तो हर माँ अपनी बेटी से कहना चाहेगी ...
सार्थक रचना !
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